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ये होली मुबारक !!!

bebaak
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बजे नगाड़ा ढडम ढडम ढम
तिरकिट-तिरकिट है करताल /
दो बच्चों के छंद में खुश हो
दे रहे ताली पर ताल/*
*/.
नियम नहीं जैसे दंगों का
होली है अड़ बंगी चाल /
पोत रंग अब नीले पीले
पूछ रहे हैं इनका हाल/*
*/.

गया हुआ था बाहर कुछ दिन
आकर देखा हाल -बेहाल /
सभी मस्त हो झूम रहे थे
छिना -झपटी , गुझिया थाल/*
*/.

चेहरे रंगे हुए हैं देखो
दिखती केवल आँखें लाल /
हंसी ख़ुशी का आँगन मेरा
सभी दिखें मन भर खुशहाल/*

*/.
सभी रंगों ने इन्हें बनाया
एक रंग में इनको ढाल /
हर चेहरे में सबका चेहरा
दिखता केवल सुन्दर भाल/*

*/.
कहीं सुनहरे घुघराले हैं
कहीं न दिखते हैं सर बाल /
कोई नथिया पहन के मटके
कोई नाचे मेरे नाल/*
*/.

इस मस्ती में भूल गया सब
सब्जी, रोटी, चावल ,दाल /
बने मंच पर नया झरोखा
खुशियाँ नाचे सालों साल/*

*/.
हो इनको मुबारक , हो उनको मुबारक ,
हो सबको मुबारक , ये होली मुबारक/*

*/

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