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छनन छुम नाच रही – – —

bebaak
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नागिन सी तालों पर
मछुओं के जालों पर
छनन छुम नाच रही जिंदगी बहार की / /
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टूटे पड़े बालों सी रो रही
उम्र भरे नालों सी खो रही /
लुट गई चाँदनी जवानी में
टूट गई चूड़ियाँ निशानी में /
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लाली ना छूट जाय बीते अभिसार की/*
*/छनन छुम नाच रही जिंदगी बहार की/*
*/.
अलसाई सांझ ढली मधुबन में
सूरज मुखी सोय गई उपवन में /
हर नज़र डूब गई गाँव तले
रागिनी रूठ गई चाँद छले /
.
आ रही आज भी आवाजें प्यार की/*
*/छनन छुम नाच रही – – – – – – -//
.
डूब गया कारवां बहार का
टूट गया फूल हर -श्रृंगार का /
बाबुल की छूट गई वे गलियाँ
लूट कर चले गए तुम छलिया /
.
धूप छाँव से बनी जिंदगी संसार की/*
*/छनन छुम नाच रही – – – – – – – – -//

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