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माँ ::अर्चना ,याद ,श्रद्धांजलि .

bebaak
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श्री हीन मुख मैं खोजता
मता भरे वो दो नयन /
ती नों ही लोकों से बड़े
यामल सुकोमल वो नयन/*
*/या दों के साए में कहीं
न खोजता तुमको यहाँ /
प्या री मनोहर याद में
री ता है सपनों का जहां/*
*/दे खी सुबह की कालिमा
वी रान अपना जग हुआ /
मा लिक हमारे चल दिए
श्वर न जाने क्या हुआ/*
*/की रत तुम्हारी है अटल
स्मृ ति रुलाती हर लम्हा /
ति ल तिल बनाया था जिसे
में घों सा बरसे है यहाँ/*
*/.
विशेष :- प्रत्येक लाइन का पहला शब्द मिल कर बनता है “श्रीमती श्याम प्यारी देवी माई की स्मृति में “
.
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हमें छोड़ कर क्यूँ चले गए
हम किस तरह से जिए यहाँ /
किसको सुनाएगें दर्दे दिल
किससे करेगें गिला यहाँ/*
*/.
तेरे प्यार में हम खो चुके
दुनिया का गम ,गम का जहां /
किसके लिए हम जी रहे
अब कौन है मेरा यहाँ/*
*/.
तेरी आँख मेरा नूर थी
ममता थी पूजा से बड़ी /
तेरा शौर्य तेरी दृढ़ता
विश्वास है वो अब कहाँ/*
*/. . -३- . .
.
आती है याद तेरी कैसे सुनाऊं तुमको ,
दी थी तुमने जो दुआ कैसे गिनाऊं उनको /
.
देखी थी हमने कभी वो हुआ अब सपना ,
हाथ में फूल लिए कैसे पिन्हाऊं तुमको /
.
वो हंसी प्यार के दिन आज आँखों में मेरे ,
बनके वे शूल चुभे कैसे छुपाऊं उनको /
.
ममता से हाथ भरे मेरे सर पर थे फिरे ,
पाया सब कुछ मैंने कैसे पाऊं तुमको /
.
राह में फूल भरे सारे कांटे थे चुने ,
कितनी ठोकर है लगी कैसे बताऊँ तुमको/*

*/

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