Menu
blogid : 5699 postid : 1258

उस नाम पे ही रोना आया

bebaak
bebaak
  • 113 Posts
  • 1683 Comments

मांगी थी वफायें तुमसे सनम, इस बात पे ही रोना आया /
जिसने न तुम्हारा नाम लिया, उस नाम पे ही रोना आया/*
*/.
कहने को बहुत सोचा था मगर, हम कैसे बताते याद नहीं ,
डूबा था तेरी आँखों में कभी, उस आँख पे ही रोना आया/*
*/.
जलने के निशाँ मैं देख रहा , जलने वाले जल जाते हैं
शबनम में है शोलों की जुम्बिश , उस आग पे ही रोना आया/*
*/.
हर सुबह तुम्हारी सतरंगी , हर शाम वहां मतवाली है ,
तुम हमसे मिले फिर मिल न सके , उस शाम पे ही रोना आया/*
*/.
मैं खोज रहा उन लम्हों को ,खो गए कहाँ जाने कैसे
क्या जानो नेह का माने तुम , उस शब्द पे ही रोना आया/*
*/.
ढल -ढल के ढले शबनम जैसे ,दिल टूट -टूट कर गिरता है
खोजूं मैं कहाँ सूरत तुम सी , उस रात पे ही रोना आया/*

*/

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply