bebaak
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रह कर नज़र के सामने देखा किये थे हम ,
वे आज भी वहीँ हैं मगर अब नहीं हैं हम /
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जलती नज़र की आग मेरा घर जला गई ,
वे दूर से ही सोचते शिकवा करेंगे हम /
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माना तुम्हारी आँख का जादू हसीन है ,
फिर भी नज़र की आग में जलते रहेंगें हम /
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रुसवाइयों के डर से तो जीना मुहाल था ,
दिन रात उनसे ख़्वाब में मिलते रहेंगें हम /
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तुमने हमारी याद को कैसा सिला दिया
तन्हाइयां हैं बोलती सुनते रहेंगे हम /
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